Friday, April 3, 2009

चुनाव : "मेरी भी आभा है इसमें"

देश में कुछ हो रहा है ..आपके घर में भी अपना इडिओत बॉक्स देखिये दिन भर उसी की खबरें ...और ये भी कि साइबर का खूब हो रहा है इस्तेमाल इस बार ....तो बुद्धिजीविओं आप क्या सोचते हैं ...आपकी कैसी भागीदारी होनी है इस बार ....एक शानदार गरिमापूर्ण चुप्पी के साथ बुद्धिजीविता कि उत्तरजीविता बचा ले जायेंगे या कुछ करना है ....क्रांति नही दोस्तों ....बस भागीदारी ...एक वोट तो डाल कर महसूस करें कि जो हो रहा है उस गुनाह के निर्माताओं में आप भी हैं ...कि आपकी चुप्पी और बौद्धिक आलस ने कुछ कम कमाल नही किया ...मुमकिन है आपको वो अहसास हो जो आ आ के लौट जाता रहा हो आज तक या जिसे आपने अपनी बौद्धिकता में सेंध लगाने लायक न समझा हो ...ये जुर्रत की भी नही जा रही की आपकी बौद्धिकता को चुनौती दी जाये ..बस इतना की एक वोट डालें ..हो सकता है जिसे आपने वोट दिया हो वो कल वोही करे जो आज तक नेता करते रहे लेकिन उस गुनाह का भोज आप भी बाँटेंगे तो अहसास होगा..तब पलायन अच्छा नही लगेगा आपको और ये कोई छोटी बात नही होगी आप अपनी बौद्धिकता से पूछकर देखें वो आपको परेशां करेगी ...जी हाँ जो हम नही होना चाहते .....
गुस्ताखी माफ़

5 comments:

  1. bloging jagat me aapka swaagat hai.
    aage aur unnati ke liye meri shubhkaamnaye aapke saath hain.

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  2. उत्तम रचना के लिए धन्यवाद
    लिखना उत्तम धन
    करदे मन प्रसन्न
    तो आप यूँ ही लिखते रहिये
    चिठ्ठा जगत में स्वागत है आपका

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  3. अपने तो हाथ-पैर फूल रहे हैं यार वोट डालने के नाम से। सुना है तालिबानी ओट-वोट पसंद नहीं करते हैं। देर-सबेर पाकिस्तान के बाद भारत पर भी उनका ही कब्जा होने वाला है। क्यों बैठे-बिठाए खतरा मोल लें?

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  4. आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .आपका लेखन सदैव गतिमान रहे ...........मेरी हार्दिक शुभकामनाएं......amitjain

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